पेड़ों कि शिराये है तने नदियों कि धराये है तने पेड़ पक्षियों का घर है और नदी बहता ज पेड़ों कि शिराये है तने नदियों कि धराये है तने पेड़ पक्षियों का घर है ...
और वह छोड़ देता है अपनी पहले दिन कि गिरी हुती चीजें जिसे उसने गिरते वक्त गिरायी थी। और वह छोड़ देता है अपनी पहले दिन कि गिरी हुती चीजें जिसे उसने गिरते वक्त गिरा...
नदी - सी थी तुम...! नदी - सी थी तुम...!
सबरनाखा को समर्पित...। सबरनाखा को समर्पित...।
पर्यावरण मेरा अस्तित्व ! पर्यावरण मेरा अस्तित्व !
हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल, पर्वत श्रृंखला मात... हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल,...